इतिहासकार शिरोल ने खुदीराम के बारे में लिखा है कि बंगाल के इस वीर को लोग अपना आदर्श मानने लगे थे.
साहस के मामले में खुदीराम का कोई जवाब नहीं था. 28 फरवरी 1906 को जब उन्हें गिरफ्तार किया गया तो वह कैद से भाग निकले. दो महीने बाद वह फिर से पकड़े गए लेकिन 16 मई 1906 को उन्हें रिहा कर दिया गया.
प्रोफेसर कांति प्रसाद के अनुसार खुदीराम का क्रांतिकारी व्यक्तित्व बचपन में ही दिखाई देने लगा था. एक बार खुदीराम ने क्रांतिकारी नेता हेमचंद्र कानूनगो का रास्ता रोककर अंग्रेजों को मारने के लिए उनसे बंदूक मांगी.
खुदीराम की मांग से हेमचंद्र यह सोचकर आश्चर्यचकित रह गए कि इस बालक को कैसे पता कि उनके पास बंदूक मिल सकती है. खुदीराम ने छह दिसंबर 1907 को नारायणगढ़ रेलवे स्टेशन पर बंगाल के गवर्नर की विशेष ट्रेन पर हमला किया लेकिन वह बच गया. उन्होंने 1908 में दो अंग्रेज अधिकारियों वाटसन और पैम्फायल्ट फुलर पर बम से हमला किया लेकिन ये दोनों भी बच निकले.
बंगाल का यह वीर क्रांतिकारी मुजफ्फरपुर के सेशन जज किंग्सफोर्ड से बेहद खफा था. इस जज ने कई क्रांतिकारियों को कड़ा दंड दिया था . खुदीराम ने अपने साथी प्रफुल्ल चंद चाकी के साथ मिलकर किंग्सफोर्ड को मारने की योजना बनाई.
दोनों मुजफ्फरपुर आए और 30 अप्रैल 1908 को सेशन जज की गाड़ी पर बम से हमला किया लेकिन उस समय इस गाड़ी में किंग्सफोर्ड की जगह उसकी परिचित दो यूरोपीय महिलाएं सवार थीं जो मारी गईं. इन क्रांतिकारियों को इसका काफी अफसोस हुआ.पुलिस उनके पीछे लगी और वैनी रेलवे स्टेशन पर उन्हें घेर लिया. खुदीराम पकड़े गए जबकि प्रफुल्ल चंद चाकी ने खुद को गोली मारकर जान दे दी.
ग्यारह अगस्त 1908 को मुजफ्फरपुर जेल में खुदीराम को फांसी दे दी गई. देश के लिए बलिदान होने के समय खुदीराम की उम्र मात्र 19 साल थी. बलिदान के बाद यह वीर इतना प्रसिद्ध हो गया कि बंगाल के जुलाहे ‘खुदीराम’ लिखी धोती बुनने लगे.
शिरोल ने लिखा है ‘‘बंगाल के राष्ट्रवादियों के लिए वह वीर शहीद और अनुकरणीय हो गया. विद्यार्थियों तथा अन्य लोगों ने शोक मनाया . स्कूल बंद रहे और नौजवान ऐसी धोती पहनने लगे जिनकी किनारी पर खुदीराम लिखा होता था.’’साभार :सहारा
और
अब हिंदुस्थान की सेकुलर सरकार की एक शर्मनाक हरकत : हरे भरे राजघाट और वीर भूमि को देखकर याद आया की फांसी के बाद महान क्रांतिकारी शहीद खुदीराम बोस का मुजफ्फरपुर के बर्निंगघाट पर अंतिम
संस्कार किया गया था लेकिन उस स्थल पर शौचालय बना दिया गया है।
यदि इस लेख से संबन्धित कोई प्रश्न ,सुझाव या असहमति हो तो कृपया यहाँ क्लिक करके अपने विचार रखें।
यदि इस लेख से संबन्धित कोई प्रश्न ,सुझाव या असहमति हो तो कृपया यहाँ क्लिक करके अपने विचार रखें।