सोमवार, 27 मई 2013

मोटापे का इलाज - पपीता


पपीता एक फल है। इसके फल में विटामिन ए, बी , सी ,डी, प्रोटीन ,शर्करा , बीटा-केरोटीन, थायमीन,रीबोफ्लेविन, एस्कोर्बिक एसिड ,कार्पेसमाइन जैसेतत्व पाए जाते हैं ,जो आपके शरीर को कई सारे लाभ पहुंचातेह शरीर को चमकदार बनाने के लिए -- पके पपीते को हाथ सेखूब मसल कर चटनी जैसा बना लीजिये ,अब इसचटनी की पूरे शरीर पर खूब अच्छे तरीके से मालिशकीजिये ,आधे घंटे बाद नहा लीजिये ,पूरा शरीरआभायुक्तहो जाएगा ,कील ,मुंहासे ,घमौरियों तथा यदा कदा पड़ जाने वाले दाग धब्बों से मुक्ति ,त्वचा चमकदार एवं मुलायमहो जायेगी ,चर्मरोग से मुक्ति मिल जायेगी . येक्रिया अगर सप्ताह में दो बार कर ली जाएतो ब्यूटीपार्लर जाने से मुक्ति मिल जायेगी . पपीता को पेट के लिए वरदान माना गया है। कहते हैं पेट केरोगों को दूर करने के लिए पपीते का सेवनकरना लाभकारी होता है। पपीते के सेवन से पाचनतंत्रठीक होता है। पपीते का रस अरूचि, अनिद्रा (नींद का नआना), सिर दर्द, कब्ज व आंवदस्त आदि रोगों को ठीककरता है। पपीते का रस सेवन करने से खट्टी डकारें बंद हो जाती है।
पपीता पेट रोग
, हृदय रोग,आंतों की कमजोरी आदि को दूर करता है। पके या कच्चेपपीते की सब्जी बनाकर खाना पेट के लिएलाभकारी होता है। पपीते के पत्तों के उपयोग से उच्च रक्तचाप में लाभहोता है और हृदय की धड़कन नियमित होती है। पपीता में विटामिन ए, बी, डी, प्रोटिन, कैल्सियम,लौह तत्व आदि सभी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।पपीता वीर्य को बढ़ाता है, पागलपन को दूर करता है एवंवात दोषों को नष्ट करता है। इसके सेवन से जख्म भरता है और दस्त व पेशाब की रुकावट दूर होती है। कच्चे पपीतेका दूध त्वचा रोग के लिए बहुत लाभ करता है।

 पका पपीता पाचन शक्ति को बढ़ाता है
, भूख को बढ़ाता,पेशाब अधिक लाता है, मूत्राशय के रोगों को नष्ट करता है,पथरी को लगाता है और मोटापे को दूर करता है। पपीता कफ के साथ आने वाले खून को रोकता है एवं खूनी बवासीर को ठीक करता है। इसमें पेप्सिन नामक तत्व पाया जाता हैं। जो भोजनको पचाने में मदद करता है। पपीता का सेवन रोज करने सेपाचन शक्ति में वृद्धि होती है। चूंकि सारेरोगों का कारण पेट के सही ना होने के कारण होता हैइसलिए पपीते का सेवन रोज करना चाहिए। पपीता खानेसे वजन कम हो जाता है। पपीते का प्रयोग लोग फेस पैक में करते हैं। पपीता त्वचा को ठंडक पहुंचाता है। पपीते केकारण आंखो के नीचे के काले घेरे दूर होते हैं।कच्चे पपीते केगूदे को शहद में मिलाकर चेहरे पर लगाने से कील-मुंहांसो का अंत होता है। कच्चे पपीते की सब्जी खाने से याददाश्त बढ़ती है।जबकि पपीते का जूस पीने से मनुष्य में यौनशक्ति की वृद्धि हो जाती है। पपीता ऐसा फल हैजो ना तो काफी महंगा होता है और ना ही मुश्किल सेमिलता है इसलिए पपीते का सेवन हर व्यक्ति को रोजकरना चाहिए। सिर्फ एक महीने नियमित रूप से आप पपीता खाइये फर्क आप खुद ही महसूस करेगें और सबसेकहेगें कि पपीता खाओ और काम पर जाओ।
समय से पूर्वचेहरे पर झुर्रियां आना बुढ़ापे की निशानी है। अच्छे पकेहुए पपीते के गूदे को उबटन की तरह चेहरे पर लगायें।आधा घंटा लगा रहने दें। जब वह सूख जाये तो गुनगुने पानी सेचेहरा धो लें तथा मूंगफली के तेल से हल्के हाथ से चेहरे पर मालिश करें। ऐसा कम से कम एक माह तक नियमितकरें। हृदय रोगियों के लिए भी पपीता काफी लाभदायकहोता है।